माहिती आणि मनोरंजनाचा खजिना!
Friday, May 18, 2012
मला जाउ द्या ना घरी..
एक अप्सरा थी दिवानि सी,
एक नटरंग पे वो मरती थी,
चुपके से, शर्मा के लावणी किया करती थी,
जब भी मिलती थी कहती थी,
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" मला जाऊ द्या ना घरी आता वाजले कि बारा..... "
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